KNEWS DESK, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर अवरोधों को तत्काल हटाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पहले से ही एक जनहित याचिका लंबित है और मामले में कुछ आवश्यक पहल की जा चुकी है।
याचिकाकर्ता गौरव लूथरा ने अपनी याचिका में मांग की थी कि कोर्ट केंद्र सरकार और पंजाब-हरियाणा सरकार को निर्देश दे कि वे हाईवे खोलें और राष्ट्रीय राजमार्गों को खाली कराएं। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि बॉर्डर बंद करने से नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। उन्होंने नेशनल हाईवे एक्ट और BNS (बॉर्डर नेशनल सेक्योरिटी) के तहत भी इस कार्रवाई को अपराध करार दिया और हाईवे जाम करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हजारों किसानों ने सोमवार को दिल्ली कूच की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत करीब 101 किसानों का जत्था पैदल ही दिल्ली की ओर रवाना हुआ। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया और पहले चाय-बिस्किट देकर लौटने की अपील की। जब किसान नहीं माने, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिससे कुछ सुरक्षा बल घायल हो गए। इसके बाद किसानों ने अपना दिल्ली कूच स्थगित कर दिया।
कांग्रेस सांसद और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर केंद्र सरकार के रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा, “किसान केवल एक ही चीज़ की मांग कर रहे हैं – एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) पर कानूनी गारंटी। लेकिन केंद्र का व्यवहार ठीक नहीं है, किसानों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है और उन्हें दिल्ली नहीं जाने दिया जा रहा है। हमारे नेता राहुल गांधी ने भी एमएसपी पर कानूनी गारंटी का मामला संसद में उठाया है। अगर हमें मौका मिलेगा तो हम इस मुद्दे को शून्यकाल या प्रश्नकाल के दौरान उठाएंगे।”