KNEWS DESK – लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत-चीन सीमा विवाद पर एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत-चीन के सीमा क्षेत्रों में हालात सामान्य हैं और शांति बहाली के प्रयास जारी हैं। डॉ. जयशंकर ने यह भी कहा कि दोनों देश सीमा पर स्थिति सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी पक्ष द्वारा स्थिति में बदलाव नहीं किया जाएगा।
सीमा पर शांति का श्रेय सेना को
दरअसल बता दें कि विदेश मंत्री ने एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर शांति बहाली का पूरा श्रेय भारतीय सेना को दिया। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक पहल के साथ-साथ सेना ने भी प्रभावी ढंग से अपनी तैनाती को मजबूत किया, जिससे सीमा पर स्थिति सामान्य हुई। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि भारत और चीन के बीच सहमति बनी है कि यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं किया जाएगा और दोनों देशों को पुराने समझौतों का पालन करना होगा।
भारत-चीन के संबंधों में सुधार की दिशा
डॉ. एस. जयशंकर ने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर दशकों से बातचीत चल रही है और कई बार दोनों देशों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए द्विपक्षीय संवाद स्थापित किया है। 2020 से भारतीय-चीन संबंध असामान्य रहे हैं, जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया था, जिसके बाद सीमा पर तनाव बढ़ा था। विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि 2020 में हुई गलवान घाटी की झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति और गश्ती गतिविधियों में रुकावट आई थी। हालांकि, भारतीय सेना ने तत्कालीन कठिन परिस्थितियों, जैसे कोविड-19 महामारी और रसद संबंधी चुनौतियों के बावजूद, मजबूती से जवाबी तैनाती की थी।
दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने के बाद स्थिति में सुधार
भारत और चीन के बीच सीमा पर शांति बहाली के प्रयासों के तहत, 21 अक्टूबर 2024 को दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों और सामान को पीछे हटा लिया था। यह प्रक्रिया नवंबर तक पूरी हो गई थी, और उसके बाद से सीमा पर शांति स्थापित हुई है।
गलवान घाटी संघर्ष के बाद बिगड़े थे रिश्ते
2020 के जून में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई गंभीर झड़प के बाद, दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। यह झड़प दशकों में दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष मानी जाती है, और इसके बाद से ही सीमा पर स्थिति असामान्य रही थी। लेकिन हाल के दिनों में, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क बढ़े हैं और सीमा पर हालात में सुधार हुआ है।