उत्तराखंड- उत्तराखंड की धामी सरकार जल्द ही चार धाम की शीतकालीन यात्रा को भी शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों की बड़ी बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू करने के निर्देश दिये है। इतना ही नहीं धामी सरकार शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों के किरायों पर दस प्रतिशत छूट भी देने जा रही है। बता दें कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाईफलाईन है। प्रदेश की आर्थिकी में इस यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा प्रदेश की बड़ी आबादी इस यात्रा से जुड़ी हुई है। यही वजह है कि अब सरकार 12 महीने इस यात्रा को चलाने पर विचार कर रही है। वहीं एक ओर जहां मुख्यमंत्री धामी जल्द शीतकालीन यात्रा को शुरू करने का दावा कर रहे हैं तो वही दूसरी ओर विपक्ष का दावा है कि मुख्यमंत्री के दावे हवा हवाई है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार पहले भी शीतकालीन यात्रा शुरू करने की बात कह चुकी है लेकिन धरातल पर ऐसा हुआ नहीं। आपको बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार से साल भर चारधाम यात्रा को चलाने की मांग की थी। उनका कहना है कि यात्रा में किसी भी श्रद्धालु को नहीं रोकना चाहिए उन्होने बताया कि वह खुद 16 दिसंबर से शीतकालीन यात्रा शुरू करेंगे। बता दें कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा संपन्न हो गई है। इस वर्ष की यात्रा में करीब 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये थे। सवाल ये है कि क्या सरकार ने शीतकालीन यात्रा शुरू करने से पहले अपनी सभी तैयारी पूरी कर ली है।
देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को अब 12 महीने दर्शन की सुविधा मिलने जा रही है। राज्य की धामी सरकार अब शीतकालीन यात्रा पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों की बड़ी बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू करने के निर्देश दिये है। इतना ही नहीं धामी सरकार शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों के किरायों पर दस प्रतिशत छूट भी देने जा रही है। वहीं कांग्रेस का दावा है कि सरकार सिर्फ बयानबाजी पर लगी है। जबकि धरातल पर ऐसा होना नहीं है।
आपको बता दें कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफलाइन है। प्रदेश की आर्थिकी में इस यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा प्रदेश की बड़ी आबादी इस यात्रा से जुड़ी हुई है। यही वजह है कि अब सरकार 12 महीने इस यात्रा को चलाने पर विचार कर रही है। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार से साल भर चारधाम यात्रा को चलाने की मांग की थी। उन्होंने बताया कि वह खुद 16 दिसंबर से शीतकालीन यात्रा शुरू करेंगे। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने शीतकालीन यात्रा के लिए धरातल पर कोई तैयारी नहीं की है। ना चिकित्सकों की व्यवस्था ना अन्य मूलभूत सुविधाएं है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड की आर्थिकी का बड़ा जरिया पर्यटन और तीर्थाटन है। प्रदेश की चारधाम यात्रा से प्रदेश को काफी उम्मीदें है। यही वजह है कि सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो। इसके साथ ही अब सरकार 12 महीने चारधाम यात्रा को संचालित करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में देखना होगा कि मुख्यमंत्री के दावे कब तक धरातल पर उतरते हैं। आखिर क्यों विपक्ष सरकार के दावों पर भरोसा नहीं कर रहा है?
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