KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर बुधवार (20 नवंबर) को हुए उपचुनाव में 49.3 प्रतिशत मतदान हुआ, लेकिन इस दौरान हिंसा, हंगामे और विवादों की खबरें सामने आईं। कई पोलिंग बूथों पर मतदाताओं और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिसके बाद विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अधिकारियों और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाए कि बीजेपी ये चुनाव वोट से नहीं, खोट से जीतने की कोशिश कर रही है।
वोटिंग के दौरान हुए हिंसक घटनाएं
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में वोटिंग के दौरान कई जगहों पर बवाल हुआ। मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता और पुलिस के बीच नोकझोंक देखने को मिली, जहां पुलिस के अधिकारी और महिलाएं आपस में भिड़ गए। एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें देखा जा सकता था कि पुलिस अधिकारी के हाथ में पिस्टल थी। अखिलेश यादव ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि “रिवॉल्वर से धमकाकर वोट डालने से रोका जा रहा है।” इसके अलावा ककरौली में भी पुलिस और मतदाताओं के बीच झड़प हुई, जब वोटरों ने पथराव किया और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भीड़ को खदेड़ा।
सपा नेताओं का हमला और चुनाव आयोग की भूमिका
अखिलेश यादव ने पूरे दिन सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए और अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हार के डर से अधिकारियों पर दबाव बना रही है ताकि चुनाव में गड़बड़ी की जा सके। अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बीजेपी वोट से नहीं, खोट से चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है।” सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने भी सख्त बयान दिया और कहा, “अगर हम लोग अपने तरीके से चुनाव में उतर गए तो 70 फीसदी सीटों पर बीजेपी का बस्ता नहीं लगेगा।”
पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
विवादों के बाद चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई की। मुजफ्फरनगर और कानपुर में दो-दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया, वहीं मुरादाबाद में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस कदम से यह स्पष्ट हुआ कि चुनाव आयोग ने घटनाओं को गंभीरता से लिया है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
मुख्य चुनाव आयुक्त से बातचीत
दोपहर के समय अखिलेश यादव ने मुख्य चुनाव आयुक्त से फोन पर बात की और मतदान प्रक्रिया में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का पक्षपाती रवैया और वोटरों पर दबाव डाला जा रहा है। इस मुद्दे पर चुनाव आयोग ने एक्शन लिया, लेकिन विपक्षी दलों का आरोप था कि चुनाव आयोग ने केवल खानापूर्ति की है और असल समस्या को नज़रअंदाज किया है।
कानपुर और मुरादाबाद में भी हुई झड़पें
कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में भी सियासी बवाल मचा। यहां बीजेपी और सपा कार्यकर्ताओं के बीच पथराव की घटना सामने आई, जहां दोनों पक्ष एक दूसरे पर हमले का आरोप लगा रहे थे। मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में भी पुलिस बैरिकेड्स लगाकर स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रही थी, जिससे सपा प्रत्याशी के समर्थक विरोध में उतरे और हंगामा हुआ।
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