KNEWS DESK – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज़ादी के महान नायक और देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मौलाना अबुल कलाम आजाद स्मृति स्मारक का उद्घाटन किया।
मौलाना आजाद के योगदान को किया याद
आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज देश के पहले शिक्षा मंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर ‘मौलाना अबुल कलाम आजाद स्मृति स्मारक’ का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर मौलाना अबुल कलाम आजाद के भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तित्व और उनके स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “मौलाना आजाद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मौलाना आजाद की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा भजन-कीर्तन, बिहार गीत और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए गए, जिनमें मौलाना आजाद के योगदान को श्रद्धांजलि देने का विशेष प्रयास किया गया।
स्मारक का निरीक्षण और निर्माण की समीक्षा
लोकार्पण के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौलाना अबुल कलाम आजाद स्मृति स्मारक पार्क का निरीक्षण किया और इसके निर्माण को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पार्क में मौलाना आजाद के जीवन और उनके योगदान पर विशेष रूप से प्रकाश डाला जाए और उनकी लिखी पुस्तक “आजादी की कहानी” को भी स्मारक के भीतर प्रदर्शित किया जाए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने स्मारक में मौलाना आजाद के व्यक्तित्व और कृतित्व को संजोने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में अन्य नेताओं की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण अवसर पर राज्य सरकार के कई प्रमुख मंत्रीगण और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सादा, सांसद संजय कुमार झा, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह, विधान पार्षद डॉ. खालिद अनवर और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ सहित अन्य नेताओं ने भी मौलाना आजाद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बिहार में मौलाना आजाद के योगदान की गूंज
मौलाना अबुल कलाम आजाद का योगदान केवल उनके समय तक सीमित नहीं था, बल्कि आज भी उनकी शिक्षाएं और संघर्ष हमें प्रेरित करते हैं। उनकी शिक्षा नीति और भारतीय शिक्षा के विकास में उनकी भूमिका को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका योगदान न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में था, बल्कि भारतीय समाज की सांस्कृतिक, सामाजिक और बौद्धिक धारा को भी उन्होंने संजीवनी दी।
मौलाना अबुल कलाम आजाद स्मृति स्मारक का निर्माण और उसका लोकार्पण बिहार राज्य के लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह स्मारक हमें याद दिलाता है कि किस तरह मौलाना आजाद ने भारत को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इस स्मारक से आने वाली पीढ़ियों को उनके अद्वितीय योगदान को जानने और समझने का अवसर मिलेगा।