KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन कराने के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। छात्रों का आरोप है कि दो दिन में परीक्षा आयोजित करने से उन्हें परेशानी होगी, खासकर उन छात्रों को जिन्हें विभिन्न परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, यह कदम प्रतियोगी छात्रों के लिए अनावश्यक तनाव पैदा करने वाला भी माना जा रहा है।
पुलिस और प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा
प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन और यूपीपीएससी प्रशासन में हड़कंप मच गया। सुरक्षा कारणों से सोमवार सुबह से ही भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। आयोग की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई और पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। इससे पहले कि छात्रों की भीड़ आयोग की ओर बढ़े, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके बाद छात्रों के बीच भगदड़ मच गई।
इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के कारण छात्रों में अफरातफरी मच गई, और बड़ी संख्या में छात्राएं भी प्रदर्शन में शामिल थीं। पुलिस ने मौके पर पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुला लीं, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
कोचिंग संस्थानों का आंदोलन से दूर रहने का फैसला
वहीं, इस आंदोलन का समर्थन न करने का फैसला कोचिंग संस्थानों ने लिया है। पुलिस लाइंस स्थित त्रिवेणी सभागार में पुलिस अधिकारियों और कोचिंग संचालकों के बीच एक बैठक हुई। इसमें कोचिंग संचालकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे किसी भी तरह के छात्र आंदोलन का समर्थन नहीं करेंगे।
कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने बताया कि सोमवार को सभी संस्थान पहले की तरह चालू रहेंगे और छात्रों को अपनी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान भीड़ की होल्डिंग के लिए कोचिंग संस्थानों के परिसर का उपयोग नहीं किया जाएगा और ना ही छात्रों या कर्मचारियों से इस काम में मदद ली जाएगी।
यूपीपीएससी के दो दिन परीक्षा आयोजित करने का विरोध
इस आंदोलन का मुख्य कारण यूपीपीएससी द्वारा प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने का निर्णय है। प्रतियोगी छात्र और छात्राएं इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे न केवल उनके लिए यात्रा की कठिनाई बढ़ेगी, बल्कि दो दिनों में परीक्षा देने से उनका मानसिक दबाव भी बढ़ेगा। छात्रों का मानना है कि यह व्यवस्था छात्रों के लिए असुविधाजनक और परेशान करने वाली हो सकती है।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
घटना स्थल पर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए छात्रों को खदेड़ा, जिससे कई छात्र चोटिल हो गए और उन्हें अस्पताल भेजा गया। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे जिले में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी घटनास्थल पर तैनात की गईं, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके।
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