मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा, यूके और जर्मनी में निवेशकों से करेंगे मुलाकात

KNEWS DESK-  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 24 नवंबर को अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर मुंबई से रवाना होंगे, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री यादव का मुख्य उद्देश्य यूके (यूनाइटेड किंगडम) और जर्मनी के उद्योगपतियों और निवेशकों से मुलाकात करना है। उनका यह दौरा खासतौर पर फरवरी 2025 में मध्य प्रदेश में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के मद्देनजर हो रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निवेशकों को आकर्षित करना

मुख्यमंत्री मोहन यादव की यह यात्रा मध्य प्रदेश में आर्थिक विकास और औद्योगिक निवेश के नए अवसरों के सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। यात्रा के दौरान वे यूके और जर्मनी में प्रमुख औद्योगिक संगठनों और निवेशकों से मिलेंगे और उन्हें राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के आयोजन के बारे में जानकारी देंगे। मुख्यमंत्री यादव का प्रयास है कि वे राज्य में संभावित विदेशी निवेशकों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित करें और उन्हें मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करें।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एक ऐतिहासिक आयोजन होगा, जिसमें देश और विदेश से निवेशकों को एक मंच पर लाया जाएगा। मुख्यमंत्री यादव का उद्देश्य राज्य को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना है, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति मिले और नए रोजगार अवसर उत्पन्न हों।

प्रमुख सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यात्रा

मुख्यमंत्री यादव के साथ इस यात्रा में उनके प्रमुख सचिव संजय शुक्ला, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे। यह टीम यूके और जर्मनी में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी और उन्हें मध्य प्रदेश के निवेश के अवसरों से परिचित कराएगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करना है।

राज्य में स्थानीय निवेशकों को भी किया गया है प्रोत्साहित

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अंतरराष्ट्रीय यात्रा से पहले राज्य सरकार ने घरेलू स्तर पर भी निवेशकों को आकर्षित करने के प्रयास तेज किए हैं। मुख्यमंत्री ने पहले बेंगलुरु, कोयंबटूर, कोलकाता और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में उद्योगपतियों से मुलाकात की, जहां उन्होंने मध्य प्रदेश में निवेश के लाभ और अवसरों को उजागर किया। राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, और इस दिशा में कई कदम उठाए हैं।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने रिजनल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को प्रदेश में आकर्षित करना है। इस समिट में विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों और उद्योगपतियों को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इन समिट्स का आयोजन प्रदेश के विभिन्न संभागों में किया जाएगा, जिससे राज्य के दूर-दराज के इलाकों में भी निवेश की संभावनाएं खुल सकें।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का योगदान

यह भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी राज्य में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय दौरे किए थे। उन्होंने विदेशी निवेशकों को राज्य में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और राज्य के विकास की दिशा में कई अहम कदम उठाए थे। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव इस दिशा में अपनी भूमिका निभाते हुए राज्य को औद्योगिक विकास के नए पथ पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी यात्रा से पहले कहा कि उनका उद्देश्य मध्य प्रदेश को औद्योगिक दृष्टि से एक प्रमुख राज्य बनाना है। वह चाहते हैं कि राज्य में अधिक से अधिक विदेशी और घरेलू निवेश हो, ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में नई जान आए और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर बन सकें। उनका मानना है कि इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय संपर्क राज्य के लिए फायदेमंद होंगे और राज्य की विकास प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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