370 के बहाली पर दिखाया बैनर
आज विधानसभा में वह स्थिति उत्पन्न हुई, जब इंजीनियर राशिद के भाई और विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने अनुच्छेद 370 के बहाली पर बैनर दिखाया। इस पर नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने विरोध जताया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीव्र बहस और शारीरिक झड़प हुई। भाजपा के विधायकों ने इस बैनर को छीनने की कोशिश की, जिससे हाथापाई का माहौल बन गया। इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। फिर, हालात का आकलन करते हुए, पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
पाकिस्तान का एजेंडा चला रही एनसी और कांग्रेस
भारी हंगामे के बीच, बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में यह प्रस्ताव लाकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस पाकिस्तान के एजेंडे को बढ़ावा दे रही हैं। रैना ने कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव असंवैधानिक है और यह कश्मीर के साथ गद्दारी है। उन्होंने यह भी कहा, “कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकारें हमेशा से आतंकवादियों और अलगाववादियों के एजेंडे का समर्थन करती रही हैं, और अब ये दोनों पार्टियां जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान का एजेंडा लागू करने की कोशिश कर रही हैं।”
रविंद्र रैना ने इस प्रस्ताव को ‘गैरकानूनी’ और ‘संवैधानिक रूप से गलत’ करार देते हुए यह दावा किया कि बीजेपी किसी भी हालत में अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं होने देगी। उन्होंने कहा, “बीजेपी जम्मू-कश्मीर के संविधान को बचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस प्रस्ताव को लागू होने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।”
क्या है अनुच्छेद 370 और क्यों हो रहा है विवाद
अनुच्छेद 370 वह विशेष कानूनी प्रावधान था, जिसने जम्मू-कश्मीर को भारत के संविधान के तहत विशेष दर्जा दिया था। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने इस अनुच्छेद को पूरी तरह से निरस्त कर दिया था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग संघ राज्य क्षेत्र में विभाजित कर दिया गया। इस फैसले के बाद से जम्मू-कश्मीर में इस मुद्दे को लेकर राजनीति गर्माई हुई है।
कल, 6 नवंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने केंद्र सरकार से अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पारित किया था, जिस पर आज हंगामा हुआ। यह प्रस्ताव विशेष रूप से एनसी और कांग्रेस के विधायकों ने लाया था। प्रस्ताव में मांग की गई थी कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से लागू किया जाए। इस प्रस्ताव पर भाजपा और अन्य दलों ने विरोध जताया और इसे असंवैधानिक करार दिया।
बीजेपी का विरोध “370 कभी वापस नहीं आएगा”
बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अनुच्छेद 370 को कभी वापस नहीं लाया जाएगा। यह हमारे देश की अखंडता और सुरक्षा के खिलाफ है। कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का सरकार का फैसला सही था और बीजेपी इसे लागू करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी।”
विपक्ष का आरोप
विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली जरूरी है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से राज्य की विशेष पहचान और स्थानीय सांस्कृतिक अधिकारों पर आंच आई है।