KNEWS DESK- माता अन्नपूर्णा के मंदिर का प्रांगण अन्नपूर्णा स्तोत्र से गुंजायमान हो उठा, जब अन्नकूट महापर्व पर 521 क्विंटल भोग की झांकी सजाई गई। इस खास अवसर पर भक्तों ने पंच दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन माता की रसोई का प्रसाद ग्रहण किया। अपराह्न एक बजे माता अन्नपूर्णा की विशेष आरती की गई, जिसमें 11 ब्राह्मणों, 51 डमरू दल और हजारों भक्तों ने माता का जयकारा लगाया।
विशेष आरती और भव्य प्रसाद वितरण
आरती के बाद माता के स्वर्णमयी गर्भ गृह में भी विशेष आरती की गई। महंत शंकर पुरी ने श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया। अन्नकूट के दिन माता और अन्नकूट की झांकी के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी थीं। इस पांच दिवसीय उत्सव के दौरान लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन किए।
अन्नपूर्णा को अर्पित की गई अनमोल भेंटें
माता अन्नपूर्णा के प्रति श्रद्धा का इजहार करते हुए भक्तों ने उन्हें 240 ग्राम सोने का हार अर्पित किया। इसके अलावा, अनेक भक्तों ने सोने के हार, गिन्नी और डेढ़ सौ से अधिक चांदी की पायल भी अर्पित की। कुछ एनआरआई भक्तों ने माता को डॉलर भेंट किए, जिससे मां का खजाना और भी बढ़ गया।
काशी विश्वनाथ धाम में अन्नकूट का उल्लास
अन्नकूट महापर्व के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भगवान श्री काशी विश्वनाथ का 14 क्विंटल मिष्ठान्न से शृंगार किया गया। इस दौरान भगवान शंकर, गौरी माता और गणेश जी की पंचबदन रजत चल प्रतिमा की भव्य आरती उतारी गई। इसके बाद, भव्य डमरू वादन के साथ शोभायात्रा भगवान सत्यनारायण मंदिर से गर्भगृह तक निकली। बाबा विश्वनाथ की मध्याह्न भोग आरती के बाद अन्नकूट का भोग अर्पित किया गया।
मणि मंदिर में घर की रसोई का भव्य आयोजन
धर्मसंघ स्थित मणि मंदिर में भी घर की रसोई को विशेष रूप से सजाया गया। गृहस्थों ने विभिन्न पकवानों से प्रभु को भोग अर्पित किया। प्रातः 6 बजे से ही भक्तों द्वारा थाली में पकवान लाने का सिलसिला शुरू हो गया, जिसमें 5000 से अधिक भक्तों ने अपने आराध्य देव के चरणों में भोग अर्पित किया। इस भव्य अन्नकूट महापर्व ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया, बल्कि भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव भी प्रदान किया।
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