KNEWS DESK- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को मेजर रालेंगनाओ बॉब खाथिंग को समर्पित वीरता संग्रहालय का उद्घाटन किया, साथ ही भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया। यह समारोह असम के तेजपुर से डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया, क्योंकि मंत्री तवांग जिले के दौरे पर नहीं जा सके थे।
डिजिटल उद्घाटन की खासियत
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर मेजर बॉब खाथिंग के बहादुरी के कार्यों की सराहना की, जिन्होंने फरवरी 1951 में तवांग में भारतीय प्रशासन को स्थापित करने के लिए एक साहसिक अभियान का नेतृत्व किया था। उन्होंने इस संग्रहालय को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक मानते हुए इसकी आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डाला।
उपस्थित dignitaries
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख लोग मौजूद रहे, जिनमें अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनायक, मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शामिल थे।
उत्तर-पूर्व क्षेत्र का महत्व
रक्षा मंत्री ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र की प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुंदरता की सराहना करते हुए कहा, “यह क्षेत्र भारत के सबसे अंतिम छोर पर नहीं, बल्कि सबसे शुरुआती छोर के रूप में पहचाना जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि सूरज सबसे पहले इसी क्षेत्र में उगता है, जो इसे विशेष बनाता है।
समापन विचार
इस उद्घाटन ने मेजर बॉब खाथिंग की वीरता को मान्यता देने के साथ-साथ उत्तर-पूर्व क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया। यह संग्रहालय न केवल उनके योगदान का सम्मान करेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों और भारतीय सेना के बीच एकता और सहयोग को भी बढ़ावा देगा।
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