KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटरों को लेकर उठते सवालों के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने पारदर्शिता लाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को दिशा निर्देश भेजते हुए कहा है कि एनकाउंटर स्थल की वीडियोग्राफी से लेकर पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी को अनिवार्य किया गया है।
सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में एनकाउंटरों को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। यह गाइडलाइंस पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। यूपी पुलिस ने पिछले 7 वर्षों में 12,000 से अधिक एनकाउंटर किए हैं, जिसके कारण वह अक्सर आलोचनाओं का शिकार बनती रही है।
नई गाइडलाइंस के प्रमुख बिंदु
- एनकाउंटर स्थल की वीडियोग्राफी: यदि एनकाउंटर में किसी अपराधी को गोली लगती है या उसकी मौत होती है, तो घटना स्थल की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा।
- पोस्टमार्टम की पारदर्शिता: एनकाउंटर में मारे गए अपराधी के पोस्टमार्टम के लिए दो डॉक्टरों का पैनल बनाया जाएगा, और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी।
- फॉरेंसिक टीम का निरीक्षण: एनकाउंटर स्थल की फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच कराई जाएगी ताकि घटनास्थल के सभी सबूतों को सुरक्षित किया जा सके।
- जांच का अधिकार: एनकाउंटर के मामले में शामिल थाने की पुलिस द्वारा जांच नहीं की जाएगी, इसके बजाय दूसरे थाने या क्राइम ब्रांच की टीम जांच करेगी। इस मामले की जांच एक रैंक ऊपर के अधिकारियों द्वारा की जाएगी।
- परिजनों को सूचना: एनकाउंटर में मारे गए अपराधी के परिजनों को तुरंत सूचना दी जाएगी, और इसकी जानकारी पंचनामा रिपोर्ट में दर्ज की जाएगी।
- हथियारों की जांच: एनकाउंटर के दौरान इस्तेमाल किए गए हथियारों को सरेंडर किया जाएगा ताकि उनकी भी जांच की जा सके। यदि कोई अपराधी घायल होता है, तो उनसे बरामद हथियारों का बैलिस्टिक परीक्षण कराया जाएगा।
डीजीपी की दिशा-निर्देश
इन दिशा-निर्देशों को यूपी के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने 11 अक्टूबर को जारी किया था। ये गाइडलाइंस विशेष रूप से 5 सितंबर को हुई एक गोलीबारी के संदर्भ में आई हैं, जिसमें मंगेश यादव नामक अपराधी की मौत हुई थी।
सरकार की प्रतिक्रिया
योगी सरकार का कहना है कि इन नई गाइडलाइंस का उद्देश्य असहज स्थितियों से बचना और पुलिस कार्रवाई में अधिक पारदर्शिता लाना है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करने पर जोर दिया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में हाल के समय में कई एनकाउंटरों को लेकर सवाल उठे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि सुल्तानपुर डकैती मामले में मारे गए मंगेश यादव का एनकाउंटर जाति के आधार पर किया गया। इसके अलावा, बहराइच हिंसा के आरोपियों के एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए गए थे।