Navratri 2024: षष्ठी तिथि के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को अर्पित करें उनका प्रिय भोग, भक्तों को मिलेगा मनचाहा आर्शीवाद

KNEWS DESK, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भक्तों द्वारा अर्पित किए जाने वाले भोग में शहद का विशेष स्थान है। आइए जानते हैं कि मां कात्यायनी को शहद क्यों प्रिय है और इसे कैसे सही विधि से अर्पित किया जा सकता है।

Navratri 2024 Day 6 Vrat Katha 2024: नवरात्रि के छठे दिन पूजा में जरूर पढ़ें मां कात्यायनी की कथा, विवाह के बनेंगे योग! | Shardiya navratri 2024 maa Katyayani vrat katha 2024

मां कात्यायनी और शहद का संबंध

मां कात्यायनी को मधु यानी शहद बेहद पसंद है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि जब भक्त मां कात्यायनी को शहद-युक्त पान के बीड़े चढ़ाते हैं तो मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं। यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि शहद केवल एक साधारण मिठाई नहीं है बल्कि यह देवी की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है।

भोग अर्पित करने की विधि

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अच्छी गुणवत्ता वाले प्राकृतिक शहद का चयन करें। यह सुनिश्चित करें कि शहद शुद्ध और बिना मिलावट का हो। मां कात्यायनी को शहद में बना हुआ हलवा अर्पित करने का विशेष महत्व है। हलवा बनाने के लिए सूजी, घी, पानी और शहद का प्रयोग करें। जब हलवा तैयार हो जाए तो इसे देवी को अर्पित करें। पूजा के दौरान शहद और हलवा को देवी के समक्ष रखें। दोनों को अर्पित करते समय मां का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि वे आपकी मनोकामनाओं को पूरा करें। इसके बाद देवी कात्यायनी को चढ़ाया गया शहद और हलवा प्रसाद स्वरूप भक्तों में वितरित करें। इसे खाने से भक्तों को मानसिक शांति और सकारात्मकता मिलती है। कहा जाता है कि मां कात्यायनी को शहद अर्पित करने से भक्त-साधक को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इस भोग के माध्यम से देवी की कृपा से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।

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