आंध्र प्रदेश: तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान करने के पीछे क्या है मान्यता, आइए जानते हैं आखिर क्या होता है दान किए गए इन बालों का…

KNEWS DESK – तिरुपति बालाजी मंदिर, जो अपने धार्मिक महत्व और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, में हर साल श्रद्धालु सैकड़ों टन बाल दान करते हैं। यह अनोखी परंपरा न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि मंदिर ट्रस्ट के लिए आर्थिक लाभ का स्रोत भी है। आइए जानते हैं बाल दान करने के पीछे की मान्यताएँ और दान किए गए बालों का क्या होता है।

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बाल दान करने की मान्यताएं

आपको बता दें कि तिरुपति बालाजी में बाल दान करने की परंपरा का गहरा धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि जब श्रद्धालु अपने बाल दान करते हैं, तो भगवान श्री वेंकटेश्वर उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा, बाल दान करने से जीवन से सभी प्रकार की बुराइयाँ और नकारात्मकता दूर हो जाती हैं। माना जाता है कि यह क्रिया व्यक्ति के जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा को भी आकर्षित करती है।

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दान किए गए बालों का क्या होता है?

तिरुपति बालाजी मंदिर में दान किए गए बालों की नीलामी की जाती है। मंदिर ट्रस्ट हर साल लाखों किलोग्राम बालों की नीलामी करके करोड़ों रुपये की आय अर्जित करता है। उदाहरण के लिए, 2018 में लगभग 1,87,000 किलोग्राम बाल बेचे गए, जिससे 1.35 करोड़ रुपये की कमाई हुई।

बालों को नीलामी से पहले पांच श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जिनका मूल्य उनकी लंबाई और गुणवत्ता के आधार पर तय किया जाता है। उच्च गुणवत्ता वाले बाल 22,494 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकते हैं, जबकि निचली श्रेणी के बालों का मूल्य 24 रुपये प्रति किलोग्राम होता है।

बालों की सफाई और नीलामी की प्रक्रिया

बालों की नीलामी से पहले, उन्हें अच्छे से साफ किया जाता है। इसके लिए बालों को उबाला जाता है, धोया जाता है और फिर सुखाया जाता है। सूखने के बाद, बालों को लंबाई के आधार पर गोदामों में रखा जाता है। आमतौर पर इसमें 5 इंच से 31 इंच तक के बाल शामिल होते हैं।

श्रद्धालुओं और भक्तों में चिंता का माहौल

तिरुपति बालाजी मंदिर, जो दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और धनवान धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है, इस समय एक विवाद के केंद्र में है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में एनडीए विधायक दल की बैठक में मंदिर के प्रसाद में मिलावट का गंभीर आरोप लगाया। उनके बयान के बाद, एक लैब रिपोर्ट ने भी इस आरोप की पुष्टि की है, जिससे श्रद्धालुओं और भक्तों में चिंता का माहौल है।

तिरुपति बालाजी मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और विभिन्न चढ़ावे अर्पित करते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां के प्रसाद में विशेष आशीर्वाद और आस्था का तत्व होता है। लेकिन अब जब मिलावट के आरोप सामने आए हैं, तो भक्तों का विश्वास संकट में पड़ गया है।

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