TMC सांसद जवाहर सरकार ने राज्यसभा की सदस्यता से भी दिया इस्तीफा, ममता बनर्जी की सभी कोशिशें नाकाम

KNEWS DESK- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु चिकित्सक के दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने पार्टी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को, उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा। इस घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के अन्य नेताओं ने लगातार प्रयास किए कि सरकार इस्तीफा न दें, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे।

सभी के प्रयास विफल, इस्तीफा एक बड़ा झटका

जवाहर सरकार के इस्तीफे को टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सरकार ने उपराष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “सर, मेरा समय समाप्त हो गया। आज संसद भवन में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति को सांसद के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब मैं बोलने और लिखने के लिए स्वतंत्र हूं। अब मैं तानाशाही, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करूंगा।”

जवाहर सरकार की पार्टी छोड़ने की वजह

जवाहर सरकार ने 8 सितंबर को ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से सेवानिवृत्त होने के बाद राजनीति में अपनी ईमानदारी और बेबाकी के लिए प्रसिद्धि हासिल की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के नेताओं का एक वर्ग भ्रष्टाचार में शामिल है और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सरकार ने अपने पत्र में लिखा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद उन्होंने एक महीने तक धैर्यपूर्वक पीड़ा सहन की। वे उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों से बात करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए दंडात्मक कदम अपर्याप्त और अत्यधिक विलंबित थे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई आलोचना

जवाहर सरकार ने लगातार राज्य सरकार और पार्टी में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर आलोचना की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की गई होती, तो राज्य में स्थिति बहुत पहले सामान्य हो सकती थी। उनकी आलोचनाओं ने उन्हें पार्टी से बाहर निकलने और राजनीति से अलविदा कहने के लिए प्रेरित किया।

जवाहर सरकार का इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है और यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण घटनाक्रम साबित हो सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए टीएमसी को अब कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे।

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