KNEWS DESK- आज, 13 सितंबर 2024, को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगे मामले में सुनवाई होनी है। यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें टाइटलर पर हत्या और दंगा करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बीते 19 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोप तय करने पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था, और 30 अगस्त को अदालत ने सीबीआई को आदेश दिया था कि टाइटलर के खिलाफ आरोप तय किए जाएं।
अदालत ने पाया कि टाइटलर के खिलाफ हत्या, दंगा, और हत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। विशेष अदालत के जज राकेश स्याल ने टाइटलर को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का निर्देश दिया है। इन धाराओं में अवैध रूप से एकत्र होना (धारा 143), दंगा करना (धारा 147), विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाना (धारा 153ए), और हत्या (धारा 302) शामिल हैं।
सीबीआई ने एक गवाह के हवाले से आरोप लगाया था कि टाइटलर ने 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक सफेद एम्बेसडर कार से बाहर निकलकर भीड़ को सिखों के खिलाफ उकसाया था। आरोप के अनुसार, टाइटलर ने भीड़ से कहा था कि सिखों को मार डालो क्योंकि उन्होंने हमारी मां को मार डाला है। इन आरोपों के आधार पर, टाइटलर पर तीन लोगों की हत्या का आरोप लगाया गया है।
सुनवाई के दौरान, अदालत ने टाइटलर को शारीरिक रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। हालांकि, कुछ समय पहले ही अदालत ने टाइटलर को धारा 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना) के तहत आरोप मुक्त कर दिया था।
यह मामला बादल सिंह, सरदार ठाकुर सिंह और गुरबचन सिंह की जलाकर हत्या और 1 नवंबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद पुल बंगश गुरुद्वारा में आग लगाने से संबंधित है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले को उसी दिन दर्ज किया था। पिछले साल अगस्त 2023 में, एक सत्र अदालत ने टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी और उन्हें 1 लाख रुपये के निजी मुचलके और उसी राशि की जमानत पर रिहा किया था। आज की सुनवाई इस महत्वपूर्ण मामले के आगे के निर्णय की दिशा तय कर सकती है, और इसे लेकर सभी की निगाहें अदालत पर लगी हैं।
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