अब आप भी पा सकते हैं मिनटों में चश्मे से छुटकारा, मुंबई की कंपनी ने बना दी ये कारगर आई ड्रॉप, जानें कीमत और फायदे

KNEWS DESK, क्या आपको भी बढ़ती उम्र के साथ देखने में समस्या हो रही है तो ये आई ड्रॉप काफी कारगर साबित हो सकती है। इस आई ड्रॉप को DCGI ने भी मंजूरी दे दी है। जिसे मुंबई की कंपनी ने बनाया है।

अब चश्मे की नहीं रहेगी जरूरत ! अमेरिका ने आंखों की रोशनी बढ़ाने पहले आई ड्रॉप को दी मंजूरी - us approves first eye that can eliminate the need for reading glasses-mobile

भारत की दवा नियामक एजेंसी, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने हाल ही में प्रेस्वू नामक आई ड्रॉप को अंतिम मंजूरी प्रदान की है। यह दवा विशेष रूप से प्रेसबायोपिया से प्रभावित व्यक्तियों के लिए विकसित की गई है। इस मंजूरी की प्राप्ति केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विशेषज्ञ समिति की पूर्व सिफारिश के बाद हुई है।

PresVu: मात्रा 350 रुपये में उपलब्ध भारत की पहली दवा

प्रेस्वू को भारत की पहली ऐसी दवा के रूप में पेश किया जा रहा है जो प्रेसबायोपिया से प्रभावित लोगों के लिए पढ़ने के चश्मे पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकती है। प्रेसबायोपिया एक सामान्य उम्र से संबंधित दृष्टि स्थिति है, जो आमतौर पर 40 वर्ष की उम्र के बाद शुरू होती है और आंखों के लेंस के लचीलेपन में कमी के कारण निकटवर्ती वस्तुओं को देखने में कठिनाई पैदा करती है। वहीं मुंबई की एटोंड फार्मास्यूटिकल कंपनी का दावा है कि PresVu की विशेषता यह है कि यह आंखों में डालते ही 15 मिनट के अंदर अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। इसके परिणामस्वरूप, उपयोगकर्ताओं को छह घंटे तक चश्मा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यदि पहली बूंद के तीन से छह घंटे के भीतर दूसरी बूंद डाल दी जाती है, तो इसका असर और भी लंबे समय तक बना रहता है। वहीं PresVu की कीमत 350 रुपये होगी और यह अक्टूबर से फार्मेसियों पर उपलब्ध हो जाएगी। इस आई ड्रॉप की उपयोगिता और प्रभावशीलता के चलते यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान हो सकती है जो उम्र बढ़ने के साथ दृष्टि समस्याओं से जूझ रहे हैं।

प्रेसबायोपिया क्या है?

प्रेसबायोपिया आंखों के फोकस बदलने की क्षमता खोने का चिकित्सीय शब्द है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब आपकी आंखों का प्राकृतिक लेंस उम्र बढ़ने के साथ कम लचीला हो जाता है। परिणामस्वरूप, पास की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखना कठिन हो जाता है और व्यक्ति को पढ़ते समय या अन्य पास की गतिविधियों के लिए किताब या फोन को दूर करना पड़ता है। इसके साथ ही, सिरदर्द, आंखों में जलन और थकावट जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। वहीं प्रेस्वू की आर्थिकी और प्रभावशीलता इस बात का प्रमाण है कि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है, जो वृद्धावस्था से जुड़ी समस्याओं का समाधान खोजने में मददगार साबित हो रही है।

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