स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अजित पवार ने किया बड़ा ऐलान, कहा- ‘आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे…’

KNEWS DESK- महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर तक प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है| डिप्टी सीएम और एनडीए सरकार में शामिल अजित पवार ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़ा ऐलान किया है| उन्होंने घोषणा की कि वे इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी नहीं देंगे| अजित पवार ने बताया कि वे अब तक 7-8 चुनाव लड़ चुके हैं और अब चुनावी राजनीति में उनकी रुचि समाप्त हो गई है|

जानकारों का कहना है कि अजित पवार अपनी सीट पर अपने बेटे जय पवार को उतार सकते हैं, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर अजित पवार ने कहा कि इस मामले पर अंतिम निर्णय पार्टी ही लेगी|

दो दिन पहले का विवादित बयान

कुछ दिन पहले ही अजित पवार ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार को चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ाने के फैसले को गलती करार दिया| अजित पवार ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे अपनी सभी बहनों को प्यार करते हैं और राजनीति को पारिवारिक मामलों में नहीं घुसाना चाहिए| उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी का यह फैसला गलत था|

अजित पवार ने शुरू कीं विधानसभा चुनाव की तैयारी, आउटरीच कैंपेन 'जन सम्मान  यात्रा' का किया ऐलान - Ajit Pawar started preparations for assembly  elections announced outreach campaign ...बीजेपी और शिंदे गुट पर कटाक्ष

अजित पवार ने अपने सहयोगियों भाजपा और शिंदे गुट पर भी निशाना साधा| उन्होंने कहा कि महायुति के सहयोगियों को समझना चाहिए कि वे चाचा शरद पवार के बारे में क्या बोल रहे हैं। उनका यह बयान संकेत करता है कि वे भाजपा और शिंदे गुट की नीतियों से असहमत हैं और भाजपा की चुनावी रणनीतियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं|

शरद पवार गुट की प्रतिक्रिया

अजित पवार के इस बयान पर एनसीपी के शरद पवार गुट ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चाहती है कि अजित पवार महायुति छोड़ दें। एनसीपी के प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा को यह एहसास हो गया है कि अजित पवार के साथ गठबंधन में चुनाव जीतना मुश्किल होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 2023 में एनसीपी के साथ गठबंधन से भाजपा के खिलाफ जनता की भावनाएं और तेज हो गई हैं|

भविष्य की दिशा

अजित पवार के इस निर्णय ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है| अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि अजित पवार के उत्तराधिकारी के रूप में जय पवार का चुनावी मैदान में उतरना कैसे राजनीति के समीकरणों को प्रभावित करेगा| इस बीच, अजित पवार की इस घोषणा ने भाजपा और शिंदे गुट की रणनीतियों को भी चुनौती दी है, जो आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है|

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