Nag Panchami 2024: नाग पंचमी पर उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब, साल में एक बार होते हैं दर्शन..

KNEWS DESK – नाग पंचमी के अवसर पर शुक्रवार सुबह हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर में एकत्र हुए। बता दें कि नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार नागपंचमी पर खुलते हैं|

 रात 12 बजे शुभ मुहूर्त पर खोले गये मंदिर के पट

आपको बता दें कि उज्‍जैन में महाकालेश्‍वर मंदिर के शिखर पर भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है। इस मंदिर के पट साल में एक बार केवल नागपंचमी के अवसर पर ही खोले जाते हैं। भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शनों के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं| भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का गुरुवार दोपहर से ही उज्जैन पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। मंदिर के पट रात 12 बजे शुभ मुहूर्त पर खोले गये और सर्वप्रथम पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरी महाराज ने विधि-विधान से  नागचंद्रेश्वर भगवान का पूजन अर्चन किया| पूजन के बाद  नागचंद्रेश्वर के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए |

The doors of the Nagchandreshwar temple were opened today | Nag Panchami 2022 : आज खोले गए नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, भक्तों का उमड़ा सैलाब, यहां करें लाइव दर्शन | Nag Panchami 2022

ड्रोन से की जा रही परिसर की निगरानी

एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर में सुचारू रूप से दर्शन-पूजन सुनिश्चित करने के लिए पार्किंग समेत उचित व्यवस्था की गई है। यहां करीब 25,000-30,000 लोग पूजा-अर्चना करने आए हैं। मंदिर में 1,850 पुलिसकर्मी तैनात हैं और परिसर की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि हमने पुलिस बल की उचित तैनाती, शौचालय, पेयजल और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित की है। आज 24 घंटे मंदिर का द्वार खुला रहेगा।

Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन - nagchandreshwar mandir-mobile

देश भर में  मनाए जाने वाले ‘नागों’ या साँपों की पूजा का दिन

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि परिसर में एंबुलेंस और दमकल समेत कई सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। नाग पंचमी पूरे भारत, नेपाल और अन्य देशों में हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा मनाए जाने वाले ‘नागों’ या साँपों की पूजा का दिन है। यह त्यौहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीने के पांचवें दिन मनाया जाता है।

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