KNEWS DESK- पीएम मोदी ने आज भारत में 65 वर्षों के बाद आयोजित किए जा रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्रियों के सम्मेलन (ICAE) का उद्घाटन किया| इसके बाद उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा- भारत एक खाद्य अधिशेष देश बन गया है और वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने के लिए काम कर रहा है|
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली बार जब सम्मेलन यहां आयोजित किया गया था, तब भारत ने अभी-अभी स्वतंत्रता प्राप्त की थी, और यह देश की कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय था| उन्होंने कहा, अब, भारत एक खाद्य अधिशेष देश है| देश दुनिया में दूध, दालों और मसालों का नंबर 1 उत्पादक है|
उन्होंने सम्मेलन में कहा, एक समय था जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया के लिए चिंता का विषय थी| अब, भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और वैश्विक पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने के लिए काम कर रहा है, जिसमें लगभग 70 देशों के लगभग 1,000 प्रतिनिधि शामिल हुए| अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्रियों के संघ द्वारा आयोजित त्रिवार्षिक सम्मेलन 2 से 7 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है| इस वर्ष के सम्मेलन का विषय स्थायी कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर परिवर्तन है|
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में फसलों की 1,900 नई जलवायु- लचीली किस्में उपलब्ध कराई हैं| केंद्रीय बजट 2024-25 टिकाऊ कृषि पर केंद्रित है|