KNEWS DESK- सेना ने बुधवार को केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है। इस भूस्खलन में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सेना ने कहा कि उसने 80 से ज्यादा शव बरामद किए हैं और लगभग 1,000 लोगों को बचाया है।
मंगलवार तड़के वायनाड के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ था, जिसमें करीब 167 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, 191 लोग अब भी लापता हैं।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए कर्नाटक और केरल सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमाडिंग मेजर जनरल वी. टी. मैथ्यू की अध्यक्षता में ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन के साथ कोझिकोड में एक कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाया है। ब्रिगेडियर सेगन ने बुधवार तड़के प्रभावित इलाके का दौरा किया और आगे के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना की टुकड़ियों को गाइड किया। भूस्खलन वाली जगह से छह किलोमीटर के दायरे में सेना बचाव अभियान चला रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना के जवानों को कन्नूर, कोझीकोड और तिरुवनंतपुरम से बुलाया गया है। सेना ने बुधवार शाम बताया कि रक्षा सुरक्षा कोर (डीएससी) केंद्र, कन्नूर और 122 इन्फैंट्री बटालियन (टेरिटोरियल आर्मी) मद्रास, कोझीकोड की दो-दो टुकड़ियां, जिनमें कुल 225 जवान हैं, सबसे पहले यहां पहुंचे और एनडीआरएफ और दूसरी के साथ मिलकर बचाव अभियान शुरू किया।
एएन-32 और सी-130 विमानों से तिरुवनंतपुरम से कोझीकोड तक 135 कर्मियों वाली दो चिकित्सा टीमों समेत दो और एचएडीआर टुकड़ियों को हवाई मार्ग से मौके पर पहुंचाया गया है। मद्रास इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर (एमईजी एंड सेंटर) से सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स के 123 कर्मियों को 150 फीट लंबे बेली ब्रिज, तीन अर्थमूवर और दूसरे जरूरी उपकरणों के साथ प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है। मीपडी-चूरमाला रोड पर पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है। प्लेन की मदद से दूसरी ओर भी कुछ अर्थमूविंग उपकरणों को पहुंचाया गया है। सेना के सीनियर अधिकारी ने बताया कि पैदल पुल का निर्माण 30 जुलाई की रात में पूरा हो गया। इंजीनियर्स स्टोर्स डिपो, दिल्ली कैंटोनमेंट से 110 फीट लंबे बेली ब्रिज के एक और सेट को लेकर एक सी-17 विमान कन्नूर में उतरा है। इसमें तीन सर्च एंड रेस्क्यू डॉग की टीमें भी हैं।
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