KNEWS DESK – गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार सुबह अयोध्या की सरयू नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। उन्होंने पूजा-अर्चना की और सुबह-सुबह ही अनुष्ठान शुरू कर दिए।
पूर्णिमा के पर्व के मौके पर सरयू के तट पर आस्था का सैलाब
आपको बता दें कि रामनगरी अयोध्या में गुरु पूर्णिमा के पर्व के मौके पर सरयू के तट पर आस्था का सैलाब देखने को मिला| सुबह से ही श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान कर दर्शन पूजन कर रहे हैं| पूरे भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं| इसके साथ मठ मंदिरों में भी गुरु पूर्णिमा का भव्य उत्सव का आयोजन भी किया जाएगा| एक पुजारी ने बताया कि यह सावन की पूर्णिमा है, जिसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं। श्रद्धालुओं ने सुबह 2 बजे से ही पवित्र डुबकी लगाना शुरू कर दिया था। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।
श्रद्धालुओं ने की व्यवस्था की सराहना
प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किये गए हैं| श्रद्धालुओं ने उनके लिए की गई व्यवस्था की सराहना की। एक श्रद्धालु ने बताया कि हमने सरयू नदी में डुबकी लगाई। व्यवस्थाएं वाकई बहुत अच्छी हैं। महिलाओं के लिए कपड़े बदलने के लिए केबिन भी हैं।
गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है
गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक धार्मिक त्योहार है, जिसमें लोग सभी आध्यात्मिक और शैक्षणिक गुरुओं की पूजा करते हैं। सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा के दिन वेदों के रचयिता वेदव्यास जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि वेदव्यास को जगत का प्रथम गुरु माना जाता है। यह भारत, नेपाल और भूटान में हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा मनाया जाता है।