KNEWS DESK- उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आज यानी 16 जुलाई को कांग्रेस के इस आरोप पर पलटवार किया कि उनकी सरकार दिल्ली में ‘केदारनाथ धाम’ मंदिर की नींव रखकर धार्मिक परंपराओं की अनदेखी कर रही है। दिल्ली में प्रस्तावित मंदिर को ‘केदारनाथ धाम’ कहने पर धार्मिक नेताओं ने राज्य सरकार की आलोचना की है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांग्रेस के पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। वह बेबुनियाद मुद्दे उठाती है। हम पहले ही कह चुके हैं कि एकमात्र केदारनाथ धाम मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के बीच स्थित है। मंदिर अन्य सभी स्थानों पर बनाए जा सकते हैं।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को धामी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उसे धार्मिक मूल्यों की कोई परवाह नहीं है, जैसा कि दिल्ली में एक मंदिर की आधारशिला रखने और उसे केदारनाथ धाम कहने से पता चलता है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी हाल ही में दिल्ली के बुराड़ी के हिरनकी में मंदिर के शिलान्यास समारोह में शामिल हुए थे।
दिल्ली में बन रहे मंदिर के बारे में जानिए-
मंदिर का निर्माण- श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट
तीन एकड़ में बन रहा मंदिर
मंदिर के लिए 15 करोड़ का चंद्रा प्राप्त
केदारनाथ धाम की तर्ज पर बनेगा मंदिर
करीब 3 साल में मंदिर बनकर होगा तैयार
मंदिर और धाम में अंतर समझिए-
मंदिर उसे माना जाता है जहां देवी- देवता की प्राण- प्रतिष्ठा होती है, जबकि धाम में देवी- देवता का निवास होता है। बता दें कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ भगवान शिव का स्थान है।
केदारनाथ में क्यों हो रहा विरोध?
उत्तराखंड की 70 फीसदी आबादी चारधाम यात्रा पर आश्रित है। दिल्ली में मंदिर बनने से केदारनाथ में असर पड़ने का डर है।
ये भी पढ़ें- IIMC में सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका, जानिए कौन से पद हैं खाली!