KNEWS DESK- हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है| ये शिव की पूजा आराधना का मास है| श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है| सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है| इसी दिन से सावन मास आरंभ हो रहा है| साथ ही इस बार सावन मास में यह शुभ संयोग बन रहा है| सावन की शुरुआत सोमवार से और समापन भी सोमवार को हो रहा है| 22 जुलाई को सावन श्रवण नक्षत्र, प्रीति और स्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है| श्रावण मास में भोलेनाथ ही नहीं बल्कि महिलाओं को मंगला गौरी पूजन के भी चार दिन मिलेंगे|चार मंगलवार मंगला गौरी यानि माँ पार्वती की पूजा की जाएगी|
सावन के सोमवार का महत्त्व-
सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन के सोमवार का विशेष महत्त्व है क्योंकि इसे भगवान शिव की पूजा और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की आराधना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
कब-कब है सावन सोमवार
पहला सोमवार – 22 जुलाई 2024
दूसरा सोमवार- 29 जुलाई 2024
तीसरा सोमवार- 5 अगस्त 2024
चौथा सोमवार- 12 अगस्त 2024
पांचवां सोमवार- 19 अगस्त 2024
भगवान शिव की पूजा विधि:
प्रातःकाल स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करें।
पुष्प और बेलपत्र: भगवान शिव को धतूरा, आक, शमी, और बेलपत्र अर्पित करें।
धूप और दीप: धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
प्रसाद चढ़ाना: भगवान शिव को फल, मिठाई और भांग का प्रसाद चढ़ाएं।
व्रत और उपवास: सावन के सोमवार का व्रत रखें और भगवान शिव की कथा सुनें या पढ़ें।
भजन और कीर्तन: भगवान शिव के भजन और कीर्तन करें।
भक्ति और श्रद्धा: पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ पूजा करें। मन को शांत और एकाग्र रखें।
स्वच्छ वस्त्र: सफेद या हरे रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पुरुष धोती-कुर्ता या पायजामा-कुर्ता पहन सकते हैं, जबकि महिलाएं साड़ी या सलवार-कमीज पहन सकती हैं।
शिव पुराण का पाठ: शिव पुराण या अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और भगवान शिव की कथाएँ सुनें या पढ़ें।