व्यवस्थाओं पर सवाल,प्राधिकरण पर बवाल

Knews Desk, विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। यात्रा शुरु होने के महज 17 दिनों में ही 11 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारोधामों के दर्शन किए हैं। इसके साथ ही 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारोधामों के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। सरकार के लिए लाखों श्रद्धालुओँ को दर्शन कराना बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। यही वजह है कि सरकार ने 31 मई तक आफलाईन रजिस्ट्रेशन को भी बंद कर दिया है। वहीं यात्रा के दौरान श्रद्धालुओँ की मौत के आंकड़े भी सामने आ रहे हैं। इसके अलावा यात्रा व्यवस्थाओं के दौरान आ रही अव्यवस्थाओं की खबरों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश यात्रा, कार्यालय का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों की बैठक ली है। बैठक में मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा व्यवस्था के साथ ही पेयजल संकट की भी समीक्षा की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के निर्देश दिए हैं। वहीं चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार यात्रा प्राधिकरण पर विचार कर रही है। सरकार ने एक महीने में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। आपको बता दें कि चारधाम यात्रा के सुचारु संचालन के लिए अपर मुख्य सचिव-वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में छह सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। वहीं राज्य में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओँ के साथ ही चारधाम यात्रा प्राधिकरण के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार की चारधाम यात्रा को लेकर कोई तैयारी नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि यात्रा प्राधिकरण बनाकर सरकार राज्य में एक और आर्थिक बोझ डालने का कार्य कर रही है। इस प्राधिकरण का कोई लाभ जनता को नहीं होने वाला है।

चारधाम यात्रा में भारी श्रद्धालुओँ का जनसैलाब देखने को मिल रहा है। अबतक इस यात्रा में 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओँ ने पंजीकरण कराया है। रोजाना हजारों श्रद्धालु चारोंधामों के दर्शन कर रहे हैं। सरकार के सामने लाखों की संख्या में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को दर्शन कराना बेहद चुनातिपूर्ण हो गया है। चारधाम यात्रा के दौरान लगातार आ रही अव्यवस्थाओं की खबरों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश पहुंचकर यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। साथ ही श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। वहीं विपक्ष का कहना है कि समय रहते सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। लेकिन अब मुख्यमंत्री बैठकें और निरीक्षण के नाम पर मीडिया की सुर्खियां बटौरने का कार्य कर रहे हैं

 

आपको बता दें कि धामी सरकार चारधाम यात्रा के सुचारु संचालन के लिए यात्रा प्राधिकरण के गठन पर भी कार्य कर रही है। इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कमेटी के गठन कर दिया हैं। मुख्य सचिव के अनुसार यह कमेटी राज्य में विभिन्न धार्मिक स्थलों पर होने वाली यात्राओं के संचालन के लिए यात्रा प्राधिकरण या किसी अन्य संस्था के गठन का भी अध्ययन करेगी। एक महीने के भीतर इस संबंध में कमेटी को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। सूत्रों के अनुसार सरकार यात्रों के संचालन के लिए राज्य स्तर पर एक स्वतंत्र संस्था बनाने पर विचार कर रही है। यह कमेटी यात्रा की नियमित गतिविधियों पर निगाह रखेगी। साथ ही यात्रा से जुड़े अधिकारियों को समय समय पर यात्रा के व्यवस्थित संचालन के लिए दिशानिर्देश भी देती रहेगी। वहीं विपक्ष का आरोप है कि यात्रा प्राधिकरण बनाकर सरकार राज्य में एक और आर्थिक बोझ डालने का कार्य कर रही है। इस प्राधिकरण का कोई लाभ जनता को नहीं होने वाला है।

कुल मिलाकर चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में तो काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। लेकिन बढ़ती भीड़ को नियंत्रित कर पाना सरकार के लिए चुनौतिपूर्ण हो गया है। हांलाकि सरकार अपनी ओर से प्रयास कर रही है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो लेकिन बढ़ती भीड़ से तमाम व्यवस्थाओं पटरी से उतर गई है। इस बीच अब धामी सरकार भीड़ नियंत्रण को लेकर यात्रा प्राधिकरण के गठन पर भी कार्य कर रही है। देखना होगा इस प्राधिकरण के बनने से यात्रा में कितना सुधार देखने को मिलता है

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