टेक्नोलॉजी को बोझ नहीं मानना चाहिए, इसका सही उपयोग सीखना जरूरी है- पीएम मोदी

KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड परीक्षा 2024 से पहले देशभर के 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के तनाव को कम करने के लिए ‘परीक्षा पे चर्चा की। आज यानी 29 जनवरी 2024 को दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में यह आयोजन हुआ।

टेक्नोलॉजी को बोझ नहीं मानना चाहिए, इसका सही उपयोग सीखना जरूरी है- पीएम मोदी

हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी चीज की अति बुरी चीज है। मां ने बहुत बढ़िया खाना बनाया है, स्वाद आपके पसंद का है, समय भी खाने का है लेकिन बस खाते जा रहे हैं, मां परोसती जा रही हैं, क्या यह संभव है? कभी ना कभी तो सब कहते हैं कि मां अब पेट भर गया. ऐसे में एक स्टेज आ जाती है कि वो खाना भी आपको तकलीफ देगा, कितना भी प्रिय खाना आपको छोड़ना पड़ेगा। बहुत कम मेरे हाथ में मोबाइल फोन होता है, मुझे मालूम है कि यह मेरे लिए आवश्यक साधन भी है। जो मां-बाप खुद भी दिनभर मोबाइल में रहते होंगे वो भी चाहते होंगे के मेरा बेटा इससे बचे।

घर के अंदर परिवार के अंदर अच्छा वातावरण जरूरी है। टेक्नोलॉजी को बोझ नहीं मानना चाहिए, इसका सही उपयोग सीखना जरूरी है। आप अपने माता-पिता को बताएं कि मोबाइल पर क्या-क्या होता है। नहीं तो मां बाप को लगेगा कि मोबाइल मतलब दोस्तों से चिपका हुआ है। स्क्रीन टाइमर ऑन करके रखें, ताकि आपको पता चलें कि कहीं आप मोबाइल का ज्यादा उपयोग तो नहीं कर रहे ताकि हमें भी पता चले कि हां यार ज्यादा हो गया, अब रुकना चाहिए।

निर्णय लेना जरूरी है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा आज नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने आपके लिए बहुत सुविधा कर दी है। आप अपना क्षेत्र और राह बदल सकते हैं, आप अपने आप प्रगति कर सकते हैं। मैंने देखा कि बच्चों की प्रतिभा जिस प्रकार से प्रकट हुई है वह देखने लायक है, इन बच्चों ने बहुत अच्छा किया है। नारी शक्ति का महत्व इतने अच्छे तरीके से रखा है, किसी भी हालत में हमें निर्णायक होना ही चाहिए। रेस्तरां में परिवार के साथ चले जाएं तो पहले आप सोचते होंगे कि मैं ये मंगवाऊंगा फिर बगल वाली टेबल पर देखते हैं तो मन बदल लेते हैं, ऐसे तो आपको संतोश नहीं होगा। जो लोग डाइनिंग टेबल पर निर्णय नहीं कर पाते हैं वह कभी खाने का आनंद नहीं ले सकते।

आर्ट और कल्चर के क्षेत्र में भारत का मार्केट 250 गुना बढ़ा- पीएम मोदी

जो व्यक्ति आपको ज्यादा अच्छा लगता है या जो एडवाइस आपको ज्यादा अच्छी लगती है आप उस मान लेते हैं। सबसे बुरी स्थिति कन्फ्यूजन है। हमें इससे बचना चाहिए। निर्णय करने से पहले सारी चीजों को तराजू पर तोलना चाहिए। स्वच्छता का विषय अगर प्रधानमंत्री के रूप में देखें तो यह मामूली विषय है, कोई भी कहेगी की पीएम को इतने काम है और यह यह करता रहता है, लेकिन मैंने उसमें अपना मन लगा दिया, इतना काम किया तो वह देश का प्राइम एजेंडा बन गया। मेरी नजर गई कि पिछले 10 साल में आर्ट और कल्चर के छेत्र में भारत का मार्केट 250 गुना बढ़ गया है। हम किसी चीज को कम ना आंके, हमारे में दम होगा तो हम उसमें जान भर देंगे, जो चीज हाथ में लें उसमें जी जान से जुड़ जाएं।

पीएम मोदी ने छात्रों को बताए रील्स देखने के नुकसान

पीएम मोदी ने कहा कि एक के बाद एक रील्स देखते रहेंगे तो समय बर्बाद हो जाएगा, नींद खराब होगी, जो पढ़ा है वो याद नहीं रहेगा। नींद को कम ना आंके। आधुनिक हेल्थ साइंस नींद को बहुत तवज्जोह देता है। आप नींद आवश्यक लेते हैं या नहीं, यह आपके स्वास्थ्य पर ध्यान देता है। जिस उमर में हैं, उसमें जिन चीजों की जरूरत है वो आहार में है या नहीं यह जानना जरूरी है। हमारे आहार में सुतंलन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, फिटनेस के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए, जैसे रोज टूथब्रश करते हैं वसे ही नो कॉम्प्रोमाइज एक्सरसाइज करनी चाहिए।

स्टूंडेंट ने पूछा शारीरिक व्यायाम पर सवाल, जानिए- क्यों हंस पड़े पीएम मोदी?

आप में से बहुत सारे स्टूडेंट्स मोबाइल का उपयोग करते होंगे और कुछ लोगों को घंटों तक इसकी आदत होगी लेकिन क्या कभी ऐसा विचार आया कि नहीं मैं फोन चार्ज नहीं करूंगा तो इसका उपयोग कम हो जाएगा. मोबाइल को चलाने के लिए चार्ज करना पड़ता है तो बॉडी को भी करना चाहिए। जैसे मोबाइल फोन को चार्जिंग चाहिए, इसी तरह शरीर को भी चार्जिंग चाहिए। जीवन इसके बिना नहीं जी सकते हैं, इसलिए जीवन को थोड़ा संतुलित बनाना पड़ता है। अगर हम स्वस्थ ही नहीं रहेंगे तो हो सकता है कि तीन घंटे परीक्षा में ही ना बैठ पाएं। स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन के लिए जरूरी है। इसका मतलब यह नहीं कि आपको पहलवानी करनी है। किताब लेकर सनलाइन में पढ़ें क्योंकि बॉडी को रीचार्ज करने में सनलाइट की भी जरूरत होती है।

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