अर्थराइटिस यानी कि गठिया की समस्या आज केवल बढ़ती उम्र वालों में ही नहीं बल्कि युवाओं में आम हो गई है। अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों यानी कि ज्वाइंट्स में बेजोड़ दर्द होता है। ये दर्द इस हद तक बढ़ जाता है कि इससे चलना फिरना भी मुश्किल लगने लगता है।
बीमारी के है खास लक्षण
गठिया हर उम्र में नजर आ रही है, लेकिन दो तिहाई मरीज 30 से 50 वर्ष की उम्र के हैं। गठिया के कई प्रकार के टेस्ट होते हैं, लेकिन ज्यादातर चिकित्सक दो जांचें यानी रूमेटाइड फैक्टर एवं एनटीसीसीपी की रिपोर्ट के आधार पर इलाज करते हैं। हाथ-पैर के छोटे व मझले जोड़ों में दर्द, सूजन, अकडऩ इस बीमारी के खास लक्षण हैं। दर्द करीब एक घंटे तक रहता है।
महिलाओं में हार्मोन्स बदलाव बड़ी वजह
यह बीमारी महिलाओं में ज्यादा होती है, क्योंकि उनके शरीर में 30-50 वर्ष की उम्र के बीच बड़े हार्मोनल बदलाव होते हैं। जोड़ों का दर्द कम करने के लिए उनके ऊपर से प्रेशर व तनाव हटाना बहुत जरूरी है। जिसमें एक हेल्दी व बैलेंस्ड डाइट और हेल्दी बॉडीवेट काफी महत्वपूर्ण रोल निभाता है।
क्या है रूमेटाइटिस अर्थराइटिस
यह एक प्रकार की आटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अतिसक्रिय हो जाती है। इससे शरीर में साइटोकाइन स्टार्म बनते हैं, जो शरीर के ऊतकों पर ही हमला कर देते हैं। इस बीमारी की कोई वजह नहीं पता की जा सकी है। जेनेटिक गड़बडिय़ां बड़ा कारण हैं।