आज शारदीय नवरात्रि क छठवां दिन है। शास्त्रों के अनुसार, आज मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी अपने भक्तों के लिए उदार भाव रखती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। माना जाता है कि मां कात्यायनी प्रसन्न होकर सुयोग्य वर का आशीर्वाद देती हैं। मां ने महिषासुर का वध किया था और उसके बाद शुम्भ और निशुम्भ का भी वध किया था। सिर्फ यही नहीं, सभी नौ ग्रहों को उनकी कैद से भी छुड़ावाया था।
मां कात्यायनी का पसंदीदा रंग और भोग
मां कात्यायनी का पसंदीदा रंग लाल है। मान्यता है कि, शहद का भोग पाकर वह बेहद प्रसन्न हो जाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन पूजा करते वक्त मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना शुभ माना गया है।
मां कात्यायनी की पूजा विधि
नवरात्रि के छठे दिन यानी कि षष्ठी को स्नान कर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें। सबसे पहले घर के पूजा स्थान नया मंदिर में देवी कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब गंगाजल से छिड़काव कर शुद्धिकरण करें। अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक रखें। अब हाथ में फूल लेकर मां को प्रणाम कर उनका ध्यान करें। इसके बाद उन्हें पीले फूल, कच्ची हल्दी की गांठ और शहद अर्पित करें. धूप-दीपक से मां की आरती उतारें। आरती के बाद सभी में प्रसाद वितरित कर स्वयं भी ग्रहण करें।
मां कात्यायनी मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥