KNEWS DESK – किसान आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है और इस बार यह मामले ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। पंजाब के निवासी गौरव लूथरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार से सभी बॉर्डर खोलने की मांग की है। उनका कहना है कि बॉर्डर बंद करने से मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई का प्रस्ताव रखा है।
किसानों का दिल्ली कूच और पुलिस की कार्रवाई
पिछले सप्ताह, किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की थी। रविवार को 101 किसानों का जत्था एक बार फिर दिल्ली मार्च के लिए निकला, लेकिन पंजाब की सीमा पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। इस कार्रवाई में नौ किसान घायल हो गए, जिनमें से एक को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया गया।
सरवन सिंह पंढेर, पंजाब के किसान नेता, ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान जत्थे को वापस बुला लिया गया है और सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा।
किसान आंदोलन की स्थिति
रविवार को किसान नेताओं ने घोषणा की कि आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित किया जा रहा है। पंढेर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी शक्ति सरकार की ताकत के सामने कुछ भी नहीं है। इस दौरान, किसान नेता ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारियों को पानी की बौछारें देने और फूलों की बारिश के बाद पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे प्रदर्शनकारी विघटित हो गए।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका का महत्व
किसानों की ओर से याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य बॉर्डर पर लगी बंदिशों को हटाना है। याचिकाकर्ता गौरव लूथरा का मानना है कि सीमा पर प्रतिबंध लगाना नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है और सरकार को इसे तुरंत हटाना चाहिए।