KNEWS DESK – दिल्ली के डीआरडीओ (DRDO) भवन में 30 दिसंबर को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना के उन असैन्य कर्मचारियों को सम्मानित करेंगे, जिन्होंने मेक इन इंडिया पहल के तहत नौसेना के लिए हथियारों और वॉरशिप के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह कार्यक्रम भारतीय नौसेना के लिए किए गए योगदान को सराहने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
नौसेना के असैन्य कर्मियों का अहम योगदान
बता दें कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन कर्मचारियों को सम्मानित करना है, जिन्होंने भारतीय नौसेना की शक्ति को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। भारतीय नौसेना के असैन्य कर्मचारी, जिनकी संख्या लगभग एक तिहाई है, नौसेना के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वे कमांड मुख्यालय, डॉकयार्ड, सामग्री संगठन, नौसेना आयुध डिपो, आयुध निरीक्षणालय और प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत हैं।
इन कर्मचारियों की समर्पित सेवा से नौसेना की ताकत को हर क्षेत्र में मजबूती मिली है, जिससे भारतीय नौसेना युद्ध की तैयारियों और भविष्य की चुनौतियों के लिए हमेशा सक्षम और प्रभावी बन सके। इस सम्मान समारोह के जरिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन कर्मचारियों की मेहनत और योगदान को एक सार्वजनिक मंच पर सराहेंगे।
भारतीय नौसेना की क्षमता में सुधार की दिशा में कदम
नौसेना के मुख्यालय की ओर से यह भी प्रयास किया जा रहा है कि इन कर्मचारियों की क्षमता को और भी बढ़ाया जाए, ताकि वे नौसेना को और भी बेहतर ढंग से समर्थन दे सकें। इससे नौसेना के सभी विभागों और यूनिट्स में बेहतर समन्वय और प्रभावी कामकाजी माहौल सुनिश्चित होगा। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि यह सम्मान कार्यक्रम नौसेना के कर्मचारियों को प्रेरित करेगा और उन्हें और अधिक समर्पण और मेहनत से काम करने के लिए उत्साहित करेगा।
बढ़ाया गया रक्षा वेतन पैकेज
इसके अलावा, भारतीय नौसेना ने पिछले साल फरवरी 2024 में अपने नागरिक कर्मियों के कल्याण और प्रशासन में दक्षता बढ़ाने के लिए “2024 को नौसेना नागरिकों का वर्ष” घोषित किया था। इस पहल के तहत कई सुधार किए गए थे, जिनमें बीमा कवर, सीजीएचएस सुविधाएं और रक्षा वेतन पैकेज में वृद्धि शामिल है। विशेष रूप से बंदरगाह और समुद्र में जहाजों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए यह बीमा कवर एक महत्वपूर्ण कदम था।