KNEWS DESK- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज कहा कि राज्य सरकार राज्य के कई जिलों में खतरनाक बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। असम के ढेकियाजुली में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, स्थिति चिंताजनक है| कई नदियां खतरे के निशान को पार कर रही हैं| अगर बारिश रुक जाती है तो स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी| अगर बारिश जारी रही तो बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो जाएगी|
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि दारंग, बारपेटा, नलबाड़ी, नागांव, होजई प्रभावित हुए हैं| आपदा ने उन स्थानों पर कई लोगों को प्रभावित किया है। जानकारी के अनुसार, असम में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को काफी खराब हो गई क्योंकि 17 जिलों में लगभग 3 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, बाजाली, बक्सा, बारपेटा, बिस्वनाथ, कछार, दारंग, गोलपारा, हैलाकांडी, होजई, करीमगंज, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तामुलपुर और उदलगुरी जिलों में बाढ़ से 2,96,00 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं| इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में जान गंवाने वाले कुल लोगों की संख्या 35 थी।
प्रशासन एक जिले में 81 राहत शिविर चला रहा है| जिले में 12,166 लोगों ने शरण ली है और एक जिले में 24 राहत वितरण केंद्र चलाए जा रहे हैं| बारपेटा, बिश्वनाथ, बोंगाईगांव, दरांग, नलबाड़ी, दक्षिण सलमारा, उदलगुरी, गोलपारा, कामरूप, नागांव, बाजाली, बक्सा, कछार, होजई, लखीमपुर और तामुलपुर में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है|
एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में कामपुर में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है| व्यापक बाढ़ के कारण राज्य भर में 2,53,413 से अधिक पालतू जानवर और मुर्गियां प्रभावित हुई हैं|